मानसिक तनाव से निपटने के लिए कार्यशाला संपन्न

आप की आवाज
*मानसिक तनाव से निपटने के लिए हुई कार्यशाला*
*डिग्री कॉलेज के छात्र और स्टाफ ने सीखा मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित लक्षणों को*
रायगढ़ =जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता लाने के लिए वर्कशाप और सेमिनार का आयोजन जिला स्तर पर कई जगहों पर किया जा रहा है। सोमवार को जिला मानसिक स्वास्थ्य की टीम ने शासकीय डिग्री कॉलेज के छात्रों को गेट कीपर की ट्रेनिंग दी। गेट कीपर वह होता है जो अपने आसपास के लोगों के व्यवहार में हो रहे बदलाव पर नजर रखता है और आत्महत्या करने जैसे लक्षणों वाले व्यक्तियों को तुरंत पहचान कर उसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को देता है जिससे उस व्यक्ति की उचित समय पर काउंसिलिंग की जा सके।
*स्वास्थ्य विभाग की टीम ने डिग्री कॉलेज के 100 से अधिक छात्र एवं स्टाफ के साथ विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के दिन पूरे दिन मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जानकारी दी। मानसिक बीमारी और मानसिक स्वास्थ्य के लिए सरकार द्वारा उपलब्ध सुविधाओं के बारे में बताया गया। सत्र के दौरान कई गतिविधियों के माध्यम से छात्रों और कॉलेज स्टाफ को मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं एवं इनकी पहचान और इससे जुड़ी भ्रांतियों को दूर कर इसको भी अन्य रोगों की तरह मानने पर जोर दिया गया। जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम ने छात्रों को अनावश्यक तनाव नहीं लेने और तनावमुक्त जीवन जीने के टिप्स दिए। टीम में मानसिक स्वास्थ्य सलाहकार अतीत राव, निशा पटेल और संतोष पांडेय शामिल थे।
*मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी डॉ. प्रकाश चेतवानी ने बताया: ” मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता लाने और आत्महत्या को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग कई कदम उठा रहा है। तेजी से भागती हुई जिंदगी में विकास के साथ तनाव भी उसी अनुपात में बढ़ा है लेकिन लोग तनाव प्रबंधन या तनाव को दूर करने की कोशिश नहीं कर बस आगे बढ़ने में लगे रहते हैं यही तनाव कब अवसाद बन जाता है और इसी अवसाद में व्यक्ति अपनी जिंदगी खत्म करने की कोशिश करता है। इसलिए हम तनाव को कम करने पर ज्यादा ध्यान देते हैं और इसी को लेकर सारे कार्यक्रम तय किये जाते हैं। “
*तनाव प्रबंधन जरूरी है*
कार्यशाला की जानकारी देते हुए नर्सिंग ऑफिसर और मानसिक स्वास्थ्य सलाहकार अतीव राव ने बताया: ”  जिले में मानसिक स्वास्थ्य इकाई के माध्यम से कार्यस्थल पर तनाव का प्रबंधन एवं आत्महत्या रोकथाम के बारे में लोगों को जागरूक किया जा रहा है।  कार्यशाला के माध्यम से कार्य का उचित प्रबंध करना और तनाव को कम करने के बारे में जानकारी दी गयी साथ ही सहयोगी साथियों द्वारा एक दूसरे की भावनाओं को समझ कर आत्महत्या जैसे आत्मघाती कदम उठाने से रोकने के बारे में बताया गया।किस प्रकार तनाव के बढ़ने से अवसाद की स्थिति निर्मित होती है । जब भी अवसाद अपनी चरम सीमा पर हो जाता है तब व्यक्ति को चारों तरफ अंधेरा ही अंधेरा नजर आने लगता है । उसे उम्मीद की कोई भी किरण नजर नहीं आती तब उसे लगता है, उसको जीने से अच्छा है, मर जाना ज्यादा आसान है। इसलिए  हमें समय रहते अपनी तनाव का प्रबंधन  करना बहुत जरूरी हैं।‘’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button